समझिए दिल के दौरे को

दिल का दौरा जिसे हम हृदयाघात (Heart Attack) भी कहते है, समय/ असमय मृत्यु का मुख्य कारण होता है। पहले यह समस्या केवल 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में पाई जाती थी, लेकिन अब लोगों की बिगड़ी हुई जीवन शैली के कारण 20 से 25 साल के युवा भी समस्या से पीड़ित मिलते है। जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त के साथ ऑक्सीजन पहुंचाने वाली कोई रक्तवाहिनी एकदम से पूरी ब्लॉक हो जाती है, तब दिल का दौरा आता है। इस वक्त हृदय के प्रभावित भाग की मांसपेशियों को मिनट-दर -मिनट नुकसान होने लगता है ओर हृदय की पंपिंग क्षमता स्थाई रूप से कमजोर होने लगती है। दिल की धड़कन अनियंत्रित होने से तत्काल मृत्यु भी हो सकती है। दिल का दौरा पड़ने पर जल्दी मदद प्राप्त करने के लिए, आपको दिल के दौरे के सभी लक्षणों की जानकारी होना बेहद जरूरी है।

दिल का दौरा पड़ने के लक्षण क्या है ?

  1. सीनेमें दर्द:- यह दिल के दौरे का सबसे अहम लक्षण है। छाती के बीच में अति बेचैनी, दबाव, दर्द, जकड़न और भारीपन महसूस होना। हार्ट अटैक में इस तरह का दर्द कई घण्टो तक बना रहता है।
  2. सांसलेने में तकलीफ:- एकदम से सांस फूलने लगा। ऐसा अक्सर अधिक रक्त धमनियों में रूकावट के कारण होता है। मधुमेह (डायबिटिज) के मरीजों में दिल के दौरे के वक्त कई बार छाती में दर्द नहीं होता एवं एकदम से सांस फूलना, मुख्य लक्षण होता है।
  3. जीमचलना और उल्टीः- कई बार दिल के दौरे के समय अपचन और एसीडिटी के लक्षण नजर आते है और हृदयघात को अनदेखा कर दिया जाता है।
  4. ठंडापसीने आना

दिल का दौरा होने पर क्या करें?

  • तुरंतकिसी हृदयरोग विशेषज्ञ को, या नजदीकी अस्तपताल में दिखाए।
  • अस्पतालमें पहुंचने तक डिस्प्रिन (DISPRIN) की गोली चबाकर खा सकते है।
  • हार्टअटैक की पहली पुष्टि ईसीजी (ECG) से होती हे।
  • अगरअस्पताल में प्राइमरी एन्जियोप्लास्टी (PRIMARY ANGIOPLASTY) की सुविधा उपलब्ध हो, तो ज्यादा अच्छा है।